बिहारी के दोहे


                                             बिहारी के दोहे
v  प्रश्न 1. छाया भी कब छाया ढूँढने लगती है ?
v  किस मौसम और किस महीने में छाया को भी छाया की आवश्यकता होती है ?
v  बिहारी के अनुसार, ज्येष्ठ मास में व्याप्त ग्रीष्म ऋतु की प्रचंडता और दोपहरी का वर्णन कीजिए ।
उत्तर – कवि जेठ महीने की भीषण गर्मी का वर्णन करते हुए कहते हैं कि इस मौसम में जब बहुत अधिक गर्मी पड़ती है और सब लोग अपने – अपने घरों में छिपकर बैठे होते हैं , उस समय ऐसा लगता है मानो छाया भी अपने लिए छाया ढूँढ रही है ।
v  प्रश्न 2. बिहारी की नायिका यह क्यों कहती है कहिहे सबु तेरो हियो,मेरे हिय की बात – स्पष्ट कीजिए ।
v  संदेश भेजने में कौन – से तत्व बाधक हैं ? संदेश किस प्रकार भेजने की कल्पना की गई है ?
v  नायिका बिना कहे ही नायक को कैसे मन की बात समझने के लिए कहती है ?
v  नायिका के हृदय की किस दशा का वर्णन किया गया है ?
v  नायिका नायक को किस- किस प्रकार संदेश भेजने में असमर्थ है ? ऐसा क्यों है ?
उत्तर – नायिका अपना प्रेम संदेश नायक तक पहुँचाना चाहती है । उसे लगता है कि संदेशवाहक ईमानदारी से उसका संदेश नायक तक पहुँचा देगा परंतु उसे लगता है कि संदेश लिखने के लिए कागज़ छोटा पड़ जाएगा तथा कंपकंपी और आँसू  के कारण उसका लिखा हुआ संदेश मिट जाएगा । सामने जाकर अपना प्रेम संदेश मौखिक रूप से कहने में उसे लज्जा आती है । फिर नायिका को लगता है कि जो विरह अवस्था उसकी है, वही उसके प्रिय की भी होगी । शायद वह स्वयं ही उसके हृदय की वेदना को समझ लेगा ।
v  प्रश्न 3. सच्चे मन में राम बसते हैं – दोहे के संदर्भानुसार स्पष्ट कीजिए ।
v  कवि का विश्वास है कि सच्चे मन में ही राम बसते हैं, बाह्यडंबर में नहीं । इस कथन की समीक्षा कीजिए ।
v  बिहारी ने ईश्वर प्राप्ति में किन साधनों को साधक और किनको बाधक माना है ?
v  बिहारी ने कौन से  बाह्यडम्बरों का खंडन किया है और क्यों ?
v  भगवान किस प्रकार के भक्त से प्रसन्न होते हैं ?
v  कवि ने किस प्रकार के आडंबरों की बुराई की है ?
v  कवि ने ईश्वर – भक्ति में किस बात पर बल दिया है ?
v  ईश्वर – भक्ति के लिए क्या अनिवार्य है ? कवि ने बाह्यडम्बर किस भक्ति को कहा है ?
v  बिहारी ने माला जपने और तिलक लगाने को व्यर्थ कहकर क्या संदेश देना चाहा है ?  
उत्तर – कवि कहते हैं कि ईश्वरको प्राप्त करने के लिए बाह्यडम्बरों को अपनाने का कोई फायदा नहीं क्योंकि हमारा  मन अगर कच्चा है अर्थात् साधना के समय ईश्वर में न लगकर इधर – उधर भटकता है तो हाथ में माला लेना, छापे हुए वस्त्र धारण करना और माथे पर तिलक लगाकर घूमना बेकार है । ईश्वर प्राप्ति  के लिए तो मन की  एकाग्रता, शुद्धता व भाव – प्रवणता की आवश्यकता होती है ।
v  प्रश्न 4. गोपियाँ श्रीकृष्ण की बाँसुरी क्यों छिपा लेती हैं ?
v  बिहारी के गोपियाँ द्वारा श्रीकृष्ण की बाँसुरी छिपा लेने का क्या कारण बताया है ?
v  गोपियों द्वारा कृष्ण की मुरली छिपा देने के पीछे उनकी कौन सी भावना परिलक्षित होती है ? वे कृष्ण को रोके रखने के लिए और क्या – क्या करती हैं  ?
v  श्रीकृष्ण को गोपी पर संदेह क्यों हुआ ? गोपी के मुस्कराने का क्या कारण था ?
v  संकेत देने के बाद भी गोपी श्री कृष्ण की बाँसुरी क्यों नहीं लौटातीं ?
v  गोपियाँ श्री कृष्ण की बाँसुरी न लौटाने के लिए क्या बहाने बनाती हैं ?
उत्तर – गोपियाँ जानती हैं कि कृष्ण संसार में सबसे अधिक प्रेम अपनी बाँसुरी से करते हैं । उन्हें समझ में आ जाता है कि अगर वे कृष्ण की बाँसुरी को चुरा लेंगी तो वे उसे प्राप्त करने के लिए  उनसे बात जरूर करेंगे । इसलिए बात करने के लालच में गोपियाँ कृष्ण की बाँसुरी को चुरा लेती हैं ।
                      कृष्ण को अधिक समय तक अपने पास रोके रखने के लिए गोपियाँ पहले तो बाँसुरी वापिस करने की बात कहती है और फिर तुरंत ही मना भी कर देती हैं ।
v  प्रश्न 5. बिहारी कवि के सभी की उपस्थिति में भी कैसे बात की जा सकती है, का वर्णन कीजिए ।
v  बिहारी के दोहों में चमत्कार प्रदर्शन की भावना प्रबल है -  सिद्ध कीजिए ।
v  नायिका को लज्जा किसलिए आती है तथा क्यों ?
v  बिहारी की नायिका को नायक से बात करने के लिए नयनों का सहारा क्यों लेना पड़ता है ?
v  कवि ने अपने दोहों में बतरस शब्द का प्रयोग किया किनके लिए है, यहाँ बतरस शब्द का क्या अर्थ है ?
v  बिहारी की नायिका क्यों खीझ उठती है ?
उत्तर – बिहारी अपने दोहों में चमत्कार प्रदर्शन करने के लिए विख्यात हैं । इस भाव को प्रकट करने के लिए भरी भीड़ में दो प्रेमियों के वार्तालाप करने के तरीकों को बताया है । भरे हुए भवन में नायक इशारों से नायिका को मिलने का आग्रह करता है और नायिका इशारों में ही मना कर देती है । नायक उसके इस अंदाज़ पर रीझता है । नायिका खीझ उठती है और फिर जब वो मिलते हैं तो दोनों के मन प्रेमभाव से परिपूर्ण हो प्रसन्न हो उठते हैं । नायिका लजा जाती है ।
v  प्रश्न (ख)  1. मनो नीलमणि – सैल पर आतप परयो प्रभात । आशय स्पष्ट करें ।
v  बिहारी के दोहों के आधार पर कृष्ण के रूप सौन्दर्य और स्वभाव पर प्रकाश डालिए ।
v  श्री कृष्ण के रूप – सौन्दर्य को प्रकट करने के लिए कवि ने प्रकृति के किन उपमानों का प्रयोग किया है ?
v  श्री कृष्ण की किन्हीं तीन विशेषताओं का वर्णन कीजिए ।
v  बिहारी के शरीर की तुलना किससे की गई है और क्यों ?
उत्तर – बिहारी कृष्ण के साँवले शरीर की सुंदरता का वर्णन करते हुए कहते हैं कि जिस प्रकार नीलमणि पर्वत पर सुबह की सुनहरी धूप उसके सौन्दर्य को बढ़ा देती है, वैसे ही श्री कृष्ण के साँवले शरीर के ऊपर पीले रंग के वस्त्र शोभा देते हैं ।
                    श्री कृष्ण के स्वभाव की तुलना पिता के स्वभाव से करते हुए कवि कहते हैं कि जिस प्रकार एक पिता अपनी  संतान पर कष्ट नहीं आने देते, उसी प्रकार कृष्ण भी अपने भक्तों पर किसी भी प्रकार की  विपत्ति नहीं आने देते । वे हर समय उनके अंग –संग रहकर उनकी रक्षा करते हैं ।
v  प्रश्न (ख) 2.  जगतु तपोबन सौ कियो दीरघ दाघ निदाघ ।
v  ग्रीष्मऋतु में संसार तपोवन - सा कैसे हो जाता है ?
v  प्रतिकूल परिस्थितियाँ व्यक्ति को अपने शत्रु के साथ रहने के लिए कैसे विवश कर देती हैं ?
v  तपोवन की क्या विशेषता होती है ? तपोवन की विशेषता पर प्रकाश डालते हुए स्पष्ट कीजिए कि मानवता को उससे क्या शिक्षा मिलती है ?
v  भीषण गर्मी में जगत तपोवन की भाँति क्यों प्रतीत होता है ?
v  कवि ने ग्रीष्म ऋतु और तपोवन के उदाहरण द्वारा मानव – मात्र को क्या संदेश दिया है ?
v  विरोधी स्वभाव वाले जानवर कौन – कौन से हैं और किस कारण वे एक – दूसरे के पास रहने को बाध्य हैं ? इसमें निहित शिक्षा पर प्रकाश डालिए ।  
उत्तर- बिहारी ने प्रतिकूल परिस्थितियों में प्रतिकूल स्वभाव के लोग कैसे एक दूसरे का साथ देने के लिए मजबूर हो जाते  हैं, इस बात को सिद्ध करने के लिए उदाहरण देते हुए समझाया है कि ग्रीष्म ऋतु में जब गर्मी अपनी चरम सीमा पर होती  है उस समय साँप और मोर, हिरण और बाघ एक ही जगह पर इकट्ठे होकर बैठ जाते हैं और ऐसा लगता है मानो संसार तपोवन के समान हो गया हो ।
                                           परीक्षापयोगी प्रश्न
v  प्रश्न 1..  बिहारी ने कृष्ण व अपने पिता की तुलना द्वारा क्या सिद्ध करना चाहा है ?
v  मेरे हरौ कलेस सब, केसव केसवराईइस पंक्ति में केसव शब्द का प्रयोग करते हुए बिहारी ने किसकी महत्ता को प्रतिपादित किया है ?
v  बिहारी ने अपने दोहे में द्विजराज – कुल शब्द का प्रयोग किसके लिए किया है ?
v  कवि ने अपने पिता केशवराय का रूपक किसे माना है और क्यों ?  
प्रश्न 2. जिस व्यक्ति के प्रति हमारे मन में प्रेम की भावना होती है, उसे शब्दों के माध्यम से अभिव्यक्त करने की आवश्यकता क्यों नहीं होती ?
प्रश्न 3. बिहारी को गागर में सागर भरने वाला कवि कहा जाता है – अपनी पाठ्यपुस्तक  से एक उदाहरण देकर सिद्ध कीजिए ।
प्रश्न 4. बिहारी के दोहों से क्या संदेश मिलता है ?
प्रश्न 5. बिहारी के दोहों में चामत्कारिक प्रदर्शन की क्षमता विद्यमान है । दोहों के आधार पर स्पष्ट कीजिए ।
     

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