अब कहाँ दूसरों के दुख से दुखी होने वाले


                                                
        पाठ – 6 अब कहाँ दूसरों के दुख से दुखी होने वाले निदा फ़ाजली
                            मौखिक प्रश्न
प्रश्न 1. बड़े बड़े बिल्डर समुद्र को पीछे क्यों धकेल रहे थे ?
उत्तर समुद्रतटीय क्षेत्रों में, मुंबई जैसे महानगरों में इमारतों के निर्माण हेतु बड़े बड़े बिल्डर समुद्र को पीछे धकेल रहे थे।
प्रश्न 2 . लेखक का घर किस शहर में था ?
उत्तर लेखक का घर पहले ग्वालियर में था, लेकिन बाद में वो वर्सोवा (मुंबई) में रहने लगे थे। 
प्रश्न 3. जीवन कैसे घरों में सिमटने लगा है ?
उत्तर पहले बड़े बड़े दालानों आँगनों में सब मिल जुल कर रहते थे, अब जीवन माचिस जैसे छोटे छोटे घरों में सिमटने लगा है ।
प्रश्न 4. कबूतर परेशानी में इधर- उधर क्यों फड़फड़ा रहे थे ?
उत्तर कबूतर परेशानी में इधर- उधर इसलिए फड़फड़ा रहे थे, क्योंकि उनका एक अंडा बिल्ली ने तोड़ दिया था और दूसरा अंडा लेखक की माँ की असावधानी से टूट गया था । अपने बच्चों का विनाश देखकर वे तड़प रहे थे।
                               लिखित प्रश्न
प्रश्न 1. अरब में लश्कर को नूह के नाम से क्यों याद करते हैं ? (पेज 112 , II पेरा )
                             या
        नूह कौन थे ? उनकी सबसे महत्त्वपूर्ण विशेषता क्या थी ?
                             या
         कुत्ते ने नूह का हृदय किस प्रकार परिवर्तित किया ? 
उत्तर बाइबिल तथा दूसरे पावन ग्रन्थों में नूहनाम के पैगंबर का जिक्र मिलता है, जिनका असली नाम लश्कर था । वे बहुत ही भावुक, संवेदनशील, उदार और धार्मिक प्रवृति के व्यक्ति थे । एक बार अनजाने में एक घायल कुत्ते के हृदय को ठेस पहुँचाने के कारण वे एक मुद्दत तक पश्चाताप करते रहे थे । उनके इन्हीं गुणों के कारण अरब में उन्हें नूह यानि पैगंबर के नाम से याद किया जाता है ।
प्रश्न 2. लेखक की माँ किस समय पत्ते तोड़ने के लिए मना करती थी और क्यों ?
                     अथवा
बुजुर्गों द्वारा दी गई सीख बच्चों के भविष्य निर्माण में सहायक होती है। सिद्ध कीजिए।

       (पेज 112 , II पेरा )
उत्तर बुजुर्गों द्वारा दी गई सीख बच्चों के भविष्य निर्माण में सहायक होती है। बचपन में सीखी गई बातें आजीवन काम आती हैं । लेखक की माँ सूर्यास्त के बाद आँगन के पेड़ों से पत्ते तोड़ने के लिए मना करती थी । वह  कहती थी कि इस समय पत्ते तोड़ने से पेड़ रोते हैं और दीया बत्ती के समय फूल तोड़ने से फूल बददुआ देते हैं । वे कहतीं कि जब भी दरिया पर जाओ तो उसे सलाम करो ।
                          इस प्रकार लोग पहले प्रकृति के प्रति भी बच्चों को संवेदनशील होने की प्रेरणा देते थे ।  
प्रश्न 3. प्रकृति में आए असंतुलन का क्या परिणाम हुआ ?
उत्तर प्रकृति की सहन शक्ति की सीमा होती है । सीमा पार होते ही प्रकृति अपना प्रचंड रूप दिखाती है। प्रकृति में आए असंतुलन का परिणाम आज विनाशलीला के रूप सामने आया है। फैलते प्रदूषण ने जब प्रकृति को सताना शुरू किया तब अतिवृष्टि, आँधियाँ, भूकंप, बाढ़, तूफ़ान, सैलाब, जलजले व नित्य नवीन बीमारियों के प्रसार ने प्रकृति में असंतुलन पैदा किया है।
प्रश्न 4. लेखक की माँ ने पूरे दिन का रोज़ा क्यों रखा  ?
                        या
       पाठ के आधार पर बताइए कि लेखक की माँ कैसी महिला थी और अपने गुनाह की माफ़ी के लिए उन्होंने क्या किया?
                          या
      आप कैसे कह सकते हैं कि लेखक की माँ के मन में पशु पक्षियों के लिए भी प्रेम भरा है।  
उत्तर – (पेज 113 – पेरा III )
       पाठ के अनुसार लेखक की माँ एक दयालु महिला थी । उनके मकान के दालान में रोशनदान थे , जिनमें कबूतर के जोड़े ने घोंसला बना लिया था । घोंसले में दिए दो अंडो में से एक को बिल्ली ने उचक कर तोड़ दिया था । यह देखकर माँ बहुत दुखी हुई । उन्होने दूसरे अंडे को बचाने का प्रयास किया , लेकिन ऐसा करने के क्रम में दूसरा अंडा भी टूट गया। इस गुनाह को खुदा से माफ़ कराने के लिए बार बार नमाज़ पढ़ कर दुआ माँगती रहीं ।
प्रश्न 5. लेखक ने ग्वालियर से बंबई तक किन बदलावों को महसूस किया ? पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
                              या
      ग्वालियर से मुंबई की दूरी ने संसार को काफ़ी कुछ बदल दिया है। कथन में लेखक किस बदलाव की ओर संकेत कर रहा है ?
उत्तर -   (पेज 113 – पेरा आखिरी )
       ग्वालियर से बंबई तक शहरों में अत्यधिक बदलाव आए हैं । जहाँ पहले दूर दूर तक जंगल थे, पेड़, पशु पक्षियों का वास था , वहाँ बस्तियाँ बसने लगी हैं । इन बस्तियों ने प्राणियों से उनके घर छीन लिए हैं। पशु – पक्षी इधर – उधर डेरा डालने के लिए मज़बूर हो गए हैं ।  समूचे वातावरण में परिवर्तन हुआ है । बढ़ती आबादी ने लोगों की जीवन शैली को पूरी तरह परिवर्तित किया है।
प्रश्न 6. ‘डेरा डालनेसे आप क्या समझते हैं ? स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर – ‘डेरा डालनेका अर्थ है – ‘अस्थाई घरों का निर्माणपाठ में चिड़ियों द्वारा डेरा डालने की बात की गई है। शहरों के विस्तार ने पशु पक्षियों के वास्तविक घर जंगलों , पेड़ पौधों को अपने स्वार्थ के लिए खत्म कर दिया है । परिणामस्वरूप वे हमारे मकानों के छज्जों और रोशनदानों में अपना घोंसला बना लेते हैं । पर यह उनका प्राकृतिक निवास नहीं होता । बेचारे यहाँ- वहाँ डेरा डाल कर अपना बसर करते हैं ।
प्रश्न 7. शेख अयाज़ के पिता अपने बाज़ू पर काला च्योंटा रेंगता देख भोजन छोड़ कर क्यों उठ खड़े हुए ?
                             या
       शेख अयाज़ के पिता का प्रसंग आपको क्या सीख देता है ?
                             या
       महाकवि शेख अयाज़ की घटना द्वारा लेखक क्या संदेश देना चाहता है ?   
उत्तर - (पेज 112 –  I पेरा )
       शेख अयाज़ के पिता बहुत ही भावुक, संवेदनशील, उदार और धार्मिक प्रवृति के व्यक्ति थे । एक बार वे कुएँ से नहा कर लौटने के उपरांत जब भोजन करने के लिए बैठे,  तो उन्होंने अपने बाज़ू पर काला च्योंटा रेंगता देखा । उसे देखकर वे सोचने लगे कि अगर वे उसे कुएँ तक नहीं छोड़कर आए, तो वह बेघर हो जाएगा और पूरा जीवन अपने परिवार से नहीं मिल सकेगा । उसके दुख का यह अनुमान लगाते ही वे भोजन छोड़कर उठ खड़े हुए और उसे कुएँ पर छोड़कर आने के बाद ही भोजन ग्रहण किया । उनका यह प्रसंग हमें सीख देता है कि हमें पशु पक्षियों के प्रति भी संवेदनशील होना चाहिए।
(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए
प्रश्न 1. बढ़ती हुई आबादी का पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ा है ?
                          या
       प्रकृति में हो रहे असंतुलन से पर्यावरण में क्या बदलाव आया ? क्या बढ़ती जनसंख्या का इसमें कोई योगदान है ?
                              या
       मानव ही प्राकृतिक आपदाओं के लिए जिम्मेदार है। यह कथन कहाँ तक उपयुक्त है ?
उत्तर - बढ़ती हुई आबादी का पर्यावरण पर बहुर गहरा और बुरा प्रभाव पड़ा है । पहले धरती पेड़, पौधों, पशु पक्षियों से हरी भरी थी ।  बढ़ती हुई आबादी के कारण समंदर को पीछे धकेल दिया गया, पेड़ों को काट काट कर उन्हें रास्ते से हटाया जा रहा है । फैलते प्रदूषण ने पक्षियों को बस्तियों से भी भगाना शुरू कर दिया है। बारूद की विनाशलीला ने वातावरण को घातक स्तर तक प्रदूषित करना शुरू कर दिया है । मौसम में भी अजीबो गरीब बदलाव आ रहे हैं । कहीं अतिवृष्टि, कहीं अनावृष्टि, बाढ़, तूफ़ान, सुनामी जैसे प्राकृतिक आपदाओं को इस असंतुलन ने ही आमंत्रित किया है । 
प्रश्न 2. लेखक की पत्नी को खिड़की में जाली क्यों लगवानी पड़ी ?
उत्तर लेखक के फ्लैट में कबूतरों का एक घोंसला था, जिसमें छोटे छोटे बच्चे थे । उन्हें दाना खिलाने के लिए बड़े कबूतर दिन में कई बार आया जाया करते थे । इस चक्कर में कभी किसी चीज़ को गिराकर तोड़ देते थे तो कभी लाइब्रेरी में आकर उधम मचाते थे । इससे लेखक की दिनचर्या में विघ्न पड़ता था । रोज़ रोज़ की परेशानी से तंग आकर लेखक की पत्नी को खिड़की में जाली लगवानी पड़ी ताकि कबूतर फिर से उन्हें तंग न करें । 
प्रश्न 3. समुद्र के गुस्से की क्या वजह थी ? उसने अपना गुस्सा कैसे निकाला ?
                             या
पाठ में समुद्र के क्रोध का क्या कारण बताया गया है ? उसने अपना क्रोध कैसे शांत / व्यक्त किया ?
उत्तर – (पेज 113 प्रथम पेरा )
       समुद्र के गुस्से की मुख्य वजह थी उसकी सहनशक्ति का जवाब दे देना । उसे निरंतर सिमटना पड़ रहा था । बिल्डर इमारतों के निर्माण कार्य हेतु उसे धीरे धीरे पीछे धकेलते जा रहे थे । उसने स्वयं को काफ़ी सिकोड़ा, पर जब उसकी सहनशक्ति जवाब दे गई तो उसने अपना गुस्सा प्रकट करने के लिए अपनी लहरों पर दौड़ते हुए तीन जहाजों को उठाकर बच्चों की गेंद की तरह तीनों दिशाओं में फेंक दिया । एक जहाज़ वर्ली के समुद्र के किनारे पर जाकर गिरा, तो, दूसरा जहाज़ बांद्रा के कार्टर रोड के सामने औंधे मुँह गिरा और तीसरा गेट वे ऑफ इंडिया पर गिरा। लोग सागर की विकरालता और भयंकरता देखकर भयभीत हो गए ।
प्रश्न 4. ‘मट्टी से मट्टी मिले , खो कर सभी निशान ।
        किसमें कितना कौन है , कैसे हो पहचान ॥
-           इन पंक्तियों के माध्यम से लेखक क्या कहना चाहता है ? स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर इन पंक्तियों के माध्यम से लेखक ने पहला मनुष्य की नश्वरता व संसार की एकात्मकता की बात की है। सभी जीव मिट्टी से बने हुए हैं और मरने के बाद सब मिट्टी में ही मिल  जाते हैं । जीव विज्ञान में हम पढ़ते हैं कि किस तरह से कुछ अजैविक पदार्थों के मेल से एक जीव का निर्माण होता है और मरने के बाद वे सारे पदार्थ अपघटन की क्रिया द्वारा फिर से वातावरण में वापिस चले जाते हैं ।
        दूसरा आध्यात्मिकता की दृष्टि से ; जिस प्रकार समुद्र में बूंद के मिलने पर उसकी पहचान खो जाती है, उसी प्रकार सभी आत्माएँ मृत्यु के बाद कहाँ जाती हैं , मुक्त होती हैं अथवा परमात्मा में मिल जाती हैं ; यह समझना अति दुष्कर है ।
(ग)  निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए ।
प्रश्न 1. नेचर के सहनशक्ति की एक सीमा होती है । नेचर के गुस्से का एक नमूना कुछ साल पहले बंबई में देखने को मिला था ।
उत्तर   प्रश्न ख 3 . का उत्तर
प्रश्न 2. जो जितना बड़ा होता है उसे उतना ही कम गुस्सा आता है ।
उत्तर इसका आशय यह है कि छोटे प्राणियों व छोटे दिल के लोगों को जल्दी गुस्सा आता है और उनका गुस्सा होता भी है क्षणिक । लेकिन समुद्र जैसे विशाल हृदय वाले लोगों को गुस्सा देर से आता है और वे अत्याचारी को गंभीर परिणाम भुगतने के लिए बाध्य कर देते हैं । जिस प्रकार समुद्र पर बिल्डरों और मछुआरों का कोप, धरती पर शिकारियों तथा भूमाफ़ियाओं का अतिक्रमण तथा वायु में कल कारखानों से निकलती ज़हरीली गैसों के कारण प्रकृति सभी को गंभीर परिणाम भुगतने के लिए बाध्य कर रही है क्योंकि प्रकृति सबसे शक्तिशाली है ।    
प्रश्न 3. इस बस्ती ने न जाने कितने परिंदों चरिंदों से उनका घर छीन लिया है । इनमें से कुछ शहर छोड़ कर चले गए हैं । जो नहीं जा सके हैं , उन्होने यहाँ वहाँ डेरा लगा लिया है ।
                                     अथवा
मनुष्य बुद्धि के बल पर केवल उन्नति की राह ही नहीं वरन मृत्यु की राह भी चल पड़ा है। पाठ के आधार पर सिद्ध कीजिए ।
उत्तर इसका आशय यह है कि मानव की बढ़ती महत्त्वाकांक्षाएँ , कभी न समाप्त होने वाली भौतिक इच्छाएँ , बढ़ती हुई आबादी की जरूरतों की पूर्ति हेतु पेड़ों की कटाई, जंगलों का सफ़ाया, जंगली जानवरों का शिकार तथा प्रकृति के साथ अनावश्यक छेड़खानी इत्यादि हरकतों ने पशु पक्षियों को बेघर कर दिया है और वे यहाँ वहाँ डेरा डालने के लिए विवश हो गए हैं । ऐसा करके मनुष्य अपने ही दुर्भाग्य को निमंत्रण दे रहा है । मानुष ने जितनी प्रगति की है, उससे कहीं अधिक मात्रा में अब उसका विनाश हो रहा है ।   
प्रश्न 4. शेख अयाज़ के पिता बोले – ‘नहीं, यह बात नहीं है। मैंने एक घर वाले को बेघर कर दिया है । उस बेघर को कुएँ पर उसके घर छोड़ने जा रहा हूँ। इन पंक्तियों में छिपी हुई  उनकी भावना को स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर - शेख अयाज़ के पिता समदर्शी थे व परोपकारी व्यक्ति थे । उनके मन से समस्त जीवों के  प्रति प्रेम, सम्मान, करुणा व दया की भावना थी । उन्हें लगा कि चींटी को बेघर करकर उन्होंने अच्छा नहीं किया । सो पाप से बचने के लिए वे भोजन छोड़कर उसे उसके घर छोड़ने चल दिये । 
                           परीक्षापयोगी प्रश्न
प्रश्न 1. पाठ में निहित उद्देश्य को स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर - पाठ में मानव मात्र को समझाया गया है कि हमें स्वार्थसिद्धि के लिए प्रकृति से छेड़छाड़ या उसके स्वरूप में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए । हमें मानव जाति के साथ साथ इस धरती पर विद्यमान सभी जीव जंतुओं से प्रेम भाव रखना चाहिए । पृथ्वी के वातावरण को स्वच्छ रखने में सभी की भागीदारी होनी चाहिए । (उदाहरण पाठ से लिखें )
प्रश्न 2 . बादशाह सुलेमान के व्यक्तित्व की विशेषताओं का उल्लेख करें ।
                              या
        आप कैसे कह सकते हैं कि सुलेमान सहृदय बादशाह थे ?
                              या
      मैं किसी के लिए मुसीबत नहीं हूँ , सबके लिए मुहब्बत हूँ। इस कथन से लेखक क्या संदेश देना चाहता है?
उत्तर - बादशाह सुलेमान के व्यक्तित्व की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं
(क)      वे मानव जाति के साथ साथ पशु पक्षियों के भी राजा थे ।
(ख)      वह सबकी ( मानव और पशु पक्षी ) भाषाओं के ज्ञाता थे ।
(ग)       वे सभी जीवों से प्रेम करते थे और सभी जीवों की रक्षा के लिए प्रयत्नशील रहते थे ।
(घ)       वह मानवीय गुणों में अत्यधिक विश्वास करते थे ।
प्रश्न 3. ‘सुलेमान’, ‘शेख अयाज़ के पितातथा नूहके स्वभाव की उन विशेषताओं का उल्लेख कीजिए , जो उन्हें आज के मनुष्यों से अलग करती हैं । (तीनों सहृदय व संवेदनशील थे । उदाहरण पाठ से लिखें । आज के मनुष्यों से तुलना कर दें ।)
प्रश्न 4. ‘संसार की रचना भले ही कैसे हुई हो लेकिन धरती किसी एक की नहीं। इस पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।
प्रश्न 5. लेखक के अनुसार मानव के पूर्व और वर्तमान स्वरूप में क्या अंतर आ गया है ?
प्रश्न 6. प्रकृति के अनेक रूप हैं जड़ और चेतन । आप इनमें क्या संबंध मानते हैं ?        


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